दोबारा जीवन

mritak_poot_mantra_se_jivit_kiya
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दादा ने जाति हुई अर्थी देखी और उन्हें महसूस हुआ कि ये मरा नहीं है, अर्द्धमूर्छित है। दादा ने अर्थी रुकवाई और २७ बार उवसग्गहरं का पाठ इतनी ज़ोर ज़ोर से पढ़ा कि आवाज़ ४४ गाँवों तक गई और मृतक फ़िर से जिन्दा हो गया।

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